भिवानी की टीचर मनीषा की मौत पर परिवार ने उठाए सवाल। दादा बोले- हत्या हुई है, मां बोलीं- न्याय चाहिए। 11 से 13 अगस्त तक की पूरी कहानी।

मनीषा केस: मिसकॉल से अनहोनी का अंदेशा, दादा बोले- हत्या हुई है; मां बोलीं- न्याय चाहिए
लोकेशन: भिवानी | टाइमलाइन: 11 अगस्त से 13 अगस्त | स्थिति: जांच जारी
1) परिवार पहली बार मीडिया के सामने आया
भिवानी की लेडी टीचर मनीषा की लाश मिलने के पांचवें दिन, सोमवार को उसके परिवार वाले पहली बार मीडिया के सामने आए। परिवार ने बताया कि 11 अगस्त की सुबह जब मनीषा घर से स्कूल के लिए निकली और 13 अगस्त को खेतों में उसकी लाश मिली, उस पूरे समय में क्या हुआ।
2) दादा का दावा- पोती की हत्या हुई है
दादा रामकिशन ने कहा कि पोती की हत्या की गई है, लेकिन अब इसे आत्महत्या साबित करने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि “अगर यह आत्महत्या है तो सबूत पेश किए जाएं। मैं अपनी दूसरी पोती के सहारे जी लूंगा।” वहीं, मनीषा की मां विनोद ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी के लिए न्याय चाहिए।
3) 11 अगस्त की सुबह- स्कूल से कॉलेज गई
रामकिशन ने बताया कि 11 अगस्त को सुबह 7:30 बजे मनीषा ढाणी लक्ष्मण गांव से स्कूल के लिए निकली थी। वह एक प्ले-वे स्कूल में पढ़ाती थी और नौकरी पर उसका केवल एक महीना हुआ था। उसी दिन उसने कॉलेज में एडमिशन के लिए जानकारी लेने का मन बनाया और स्कूल से सीधे कॉलेज चली गई।

4) बस ड्राइवर ने बताया- “लेट आऊंगी”
मनीषा रोज़ाना दोपहर 3:30 बजे बस से ही घर लौटती थी। जब वह उस दिन घर नहीं पहुंची तो दादा ने बस ड्राइवर विजय से पूछा। ड्राइवर ने बताया कि मनीषा ने उसे कहा था- “अंकल जी आप चले जाना, मुझे कॉलेज में काम है, मैं लेट आऊंगी।”
5) शाम को मिस्ड कॉल और अनहोनी का शक
शाम 4:30 बजे तक मनीषा घर नहीं पहुंची तो दादा ने बेटे और मनीषा के पिता संजय को फोन किया। उन्होंने कहा कि मनीषा ने बताया था कि कॉलेज का काम है, इसलिए वह शाम को सिंघानी से आने वाली बस से 6:30 बजे तक लौटेगी।
शाम 6:26 बजे मनीषा ने पिता को फोन किया लेकिन बात नहीं हो पाई। 6:27 बजे जब पिता ने कॉल-बैक किया तो फोन एक रिंग के बाद कट गया। इसके बाद उसका फोन स्विच ऑफ हो गया और परिवार को अनहोनी का अंदेशा हो गया।
6) पुलिस हेल्पलाइन पर लापरवाह जवाब
संजय ने पुलिस हेल्पलाइन डायल-112 पर कॉल करके बताया कि बेटी घर नहीं लौटी। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने कहा- “क्यों टेंशन ले रहे हो, लड़की है, भाग गई होगी।” इस पर पिता ने आपत्ति जताई और कहा कि ये बताना पुलिस का काम नहीं कि बेटी भागी है या नहीं, बल्कि कॉलेज के CCTV चेक करने चाहिए। लेकिन पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
7) पुलिस की शुरुआती पूछताछ पर सवाल
परिवार के दबाव डालने पर पुलिस कॉलेज के बाहर पहुंची और वहां खड़े तीन लोगों से मनीषा के बारे में पूछा। लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया। दादा का आरोप है कि उनमें से दो लोग शराब के नशे में थे। पुलिस ने उनकी बात पर भरोसा कर लिया और घर लौटकर कहा कि “लड़की या तो भाग गई है या किसी ने उठा लिया है।”

8) 12 अगस्त को परिवार खुद कॉलेज पहुँचा
अगले दिन, 12 अगस्त को परिवार खुद कॉलेज गया और वहां मनीषा के बारे में पूछताछ की। उन्हें बताया गया कि मनीषा 11 अगस्त को कॉलेज आई थी। जब परिवार ने CCTV देखने की मांग की तो जवाब मिला कि अब कॉलेज की छुट्टी हो गई है, फुटेज अगले दिन दिखाया जाएगा।
9) कॉलेज सीनियर्स पर शक
रामकिशन के मुताबिक, कॉलेज से बाहर निकलकर जब परिवार ने आसपास पूछताछ की तो पता चला कि कॉलेज के बाहर काले शीशे वाली कार खड़ी थी। इसमें दो लोग सवार थे। परिवार का आरोप है कि यह दोनों लोग कॉलेज में मनीषा के सीनियर्स थे और उन्हीं ने उसकी हत्या की है।
10) 13 अगस्त- खेतों में मिली डेड बॉडी
13 अगस्त की सुबह परिवार को सूचना मिली कि मनीषा की लाश खेतों में पड़ी है। यह खेत कॉलेज से मात्र 500 मीटर दूर थे, जबकि कॉलेज घर से लगभग 8 किलोमीटर दूर था।

11) हुड्डा का बयान- केस CBI को सौंपा जाए
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि दोषियों को तुरंत पकड़ा जाना चाहिए। उन्होंने मांग की कि जैसे परिवार कह रहा है, केस को CBI को सौंपा जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि इस केस को आत्महत्या बताने की दुर्भाग्यपूर्ण कोशिश हो रही है।
12) मुख्यमंत्री नायब सैनी का आश्वासन
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि पुलिस इस मामले की निष्पक्ष और गंभीरता से जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।