हिसार में शुरू हुई पेपरलेस रजिस्ट्री – अब नहीं लगेंगे तहसील के चक्कर!

हरियाणा में जमीन-जायदाद की रजिस्ट्री और राजस्व से जुड़ी सेवाओं को पेपरलेस कर दिया गया है। सीएम नायब सिंह सैनी ने सोमवार को पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली, डिमार्केशन पोर्टल, व्हाट्सएप, चैटबॉट और राजस्व न्यायालय निगरानी प्रणाली का शुभारंभ किया। इससे लोगों को राजस्व विभाग और तहसीलों के चक्कर काटने से मुक्ति मिलेगी।
हिसार में लोक निर्माण एवं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री रणबीर सिंह गंगवा ने लघु सचिवालय परिसर में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में कहा कि हरियाणा अब देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल हो गया है जहां पेपरलेस रजिस्ट्री और रियल-टाइम शिकायत निगरानी व्यवस्थाएं लागू हैं।
पेपरलेस रजिस्ट्री से होंगे ये फायदे...
पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित होगीः पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली से कार्यों में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित होगी। डिमार्केशन पोर्टल के माध्यम से जी-रोवर नामक रोबोटिक उपकरण से जमीनों की पैमाइश की जाएगी।
किसानों को होगा फायदाः नई प्रणाली से प्रति एकड़ पैमाइश का शुल्क 25-30 हजार रुपए से घटकर मात्र एक हजार रुपए हो जाएगा, जिससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके अतिरिक्त, 'भू-मित्र' व्हाट्सएप चैटबॉट के जरिए जमाबंदी की फर्द प्राप्त करने, कोई भी सूचना लेने, शिकायत दर्ज करने और अपॉइंटमेंट बुक करने की प्रक्रियाएं सरल हो जाएंगी। व्हाट्सएप चैटबॉट नागरिकों को घर बैठे कई महत्वपूर्ण सेवाएं उपलब्ध कराएगा।
राजस्व न्यायालय प्रणाली का भी डिजिटलीकरण
राजस्व न्यायालय प्रणाली को भी डिजिटल किया जा रहा है, जिससे राजस्व न्यायालयों की प्रभावी निगरानी हो सकेगी। इसका उद्देश्य दशकों तक लंबित रहने वाले राजस्व मामलों का त्वरित निपटान सुनिश्चित करना है, जिससे न्याय प्रक्रिया में तेजी आएगी।
इन डिजिटल पहलों से रजिस्ट्रेशन, नामांतरण, नक्शा पासिंग और शिकायत निवारण जैसी सेवाएं तेज, पारदर्शी और पूरी तरह पेपरलेस हो जाएंगी। रजिस्ट्री के दिन केवल मूल दस्तावेज लेकर एक बार दफ्तर आना होगा, जहां बायोमेट्रिक और हस्ताक्षर की औपचारिकता पूरी की जाएगी। इससे समय, मेहनत और बिचौलियों पर होने वाला खर्च बचेगा, साथ ही रिकॉर्ड सीधे डिजिटल स्वरूप में सुरक्षित रहेगा।