हरियाणा की 2 महिलाओं ने UP में कराया गर्भपात, रिवर्स ट्रैकिंग से हुआ बड़ा खुलासा!

हरियाणा में अवैध गर्भपात केंद्रों पर कार्रवाई करते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने गर्भपात के दो मामलों की रिवर्स ट्रैकिंग के बाद उत्तर प्रदेश के दो केंद्रों के खिलाफ अलग-अलग दो एफआईआर दर्ज की हैं। पुलिस दोनों मामलों की जांच कर रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ये मामले तब सामने आए जब संबंधित महिलाओं से उनके गर्भपात के बारे में पूछताछ की गई, जिसके बाद राज्य की सीमा पार स्थित केंद्रों का पता चला।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा, "हमने उत्तर प्रदेश में गर्भपात के लिए पहुंची दो महिलाओं के मामले में दो चिकित्सीय गर्भपात के बाद करनाल में दो एफआईआर दर्ज की हैं।"
सहारनपुर और शामली में हुआ गर्भपात
डेली मॉनिटरिंग के दौरान, स्वास्थ्य टीमों ने हाल ही में गर्भपात कराने वाली दो महिलाओं की पहचान की। पूछताछ करने पर, दोनों महिलाओं और उनके परिवारों ने गर्भपात कराने के स्थान बताए। उन्होंने बताया कि पुंडरक गांव की एक महिला सहारनपुर गई, जबकि दूसरी महिला दूसरे गांव से उत्तर प्रदेश के शामली पहुंची।
अधिकारियों का मानना है कि रिवर्स ट्रैकिंग गर्भपात कराने वाली महिलाओं का पता लगाकर गर्भपात केंद्रों की पहचान करना है। गर्भावस्था का चिकित्सीय समापन अधिनियम के उल्लंघन को रोकने में एक प्रभावी उपकरण बन गया है।विभाग ने इस साल आठ एफआईआर दर्ज की हैं।
सात एमटीपी एक्ट के तहत और एक पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत। अवैध गर्भपात और लिंग निर्धारण प्रथाओं के विरुद्ध विभाग की निगरानी पर प्रकाश डाला, विशेषकर उन मामलों में जहां महिलाओं को हरियाणा से बाहर के केंद्रों में ले जाया जाता है।
लिंगानुपात घटा है
हरियाणा में लिंगानुपात पिछले साल के मुकाबले घटा है। साल 2024 में जहां लिंगानुपात 907 था, जो अब गिरकर 905 रह गया है। यानी 1000 लड़कों के जन्म के पीछे 905 लड़कियां ही पैदा हो रही हैं। लिंगानुपात को सुधारने के लिए ही प्रदेश सरकार ने गर्भवतियों का रजिस्ट्रेशन जरूरी किया था।
अब प्रदेश में 20 हजार से अधिक ऐसी गर्भवती आइडेंटिफाई की हैं, जिनके पास संतान के तौर पर लड़का नहीं है। ऐसी महिलाओं पर विभाग विशेष नजर रख रहा है।
फील्ड में 18 हजार आशा वर्कर
बिन लड़के संतान वाली गर्भवतियों की पहचान करने के रणनीति को अमली जामा पहनाने के लिए आशा वर्कर और आंगनवाड़ी वर्कर की ड्यूटी लगाई गई। जिसके तहत ग्रामीण और अर्बन नोटिफाइड स्लम एरिया की हरियाणा की करीब ढाई करोड़ आबादी को कवर किया गया।
ग्रामीण एरिया में करीब 18,000 आशा वर्कर ने 1.80 करोड़ आबादी को कवर किया और बिना लड़के संतान वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान की।वहीं अर्बन नोटिफाई स्लम एरिया में 2905 आशा वर्कर ने 72.62 लाख पापुलेशन को कवर किया। आशा और आंगनवाड़ी वर्कर ने हरियाणा की 2.53 करोड़ पॉपुलेशन को कवर किया।