हरियाणा की लेडी टीचर मनीषा मौत मामला: जांच अब CBI के हवाले

भिवानी की 19 वर्षीय लेडी टीचर मनीषा की संदिग्ध मौत के मामले ने अब नया मोड़ ले लिया है। हरियाणा सरकार ने इस केस की जांच सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) को सौंप दी है। देर रात इस मामले से जुड़ी पूरी फाइल CBI को भेज दी गई, और जल्द ही एजेंसी जांच की शुरुआत करेगी।
11 अगस्त से 21 अगस्त तक: मनीषा केस की पूरी टाइमलाइन
- 11 अगस्त 2025 – मनीषा अपने गांव ढाणी लक्ष्मण स्थित घर से सिंघानी गांव के प्ले-वे स्कूल में पढ़ाने गई थी। इसके बाद वह नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन के लिए निकली, लेकिन शाम तक घर नहीं लौटी।
- 13 अगस्त 2025 – मनीषा का शव सिंघानी गांव के खेतों में मिला। परिजनों ने हत्या की आशंका जताई।
- भिवानी पुलिस की पहली जांच – पहला पोस्टमॉर्टम भिवानी के सिविल अस्पताल में हुआ, लेकिन परिजनों ने रिपोर्ट मानने से इनकार कर दिया।
- पुलिस पर आरोप – परिवार का आरोप था कि गुमशुदगी की शिकायत देने पर पुलिस ने इसे घर से भागने का मामला बताकर नजरअंदाज किया।
- 15 अगस्त 2025 – सरकार ने भिवानी के SP मनबीर सिंह को हटा दिया, SHO को लाइन हाजिर किया और 4 पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए।
- PGI रोहतक में दूसरा पोस्टमॉर्टम – रिपोर्ट में इसे आत्महत्या बताया गया।
- 18 अगस्त 2025 – पुलिस ने मनीषा के पर्स से मिला एक सुसाइड नोट पेश किया।
- 20 अगस्त 2025 – ग्रामीणों और परिवार की मांग पर सरकार ने CBI जांच और AIIMS दिल्ली से तीसरा पोस्टमॉर्टम कराने का ऐलान किया।
- 21 अगस्त 2025 – तीसरे पोस्टमॉर्टम के बाद मनीषा का अंतिम संस्कार ढाणी लक्ष्मण गांव में किया गया।
DGP शत्रुजीत कपूर के बयान
भिवानी में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान DGP शत्रुजीत कपूर ने कहा:
- “हमने एक यंग बिटिया खो दी है। बेटियां सबकी सांझी होती हैं। परिवार के दुख में हम सब साथ हैं।”
- पोस्टमॉर्टम में यह भी सामने आया कि मनीषा के शव को कुत्तों ने नोचा था।
- उन्होंने साफ किया कि केस CBI को देने का निर्णय जनभावना को ध्यान में रखते हुए लिया गया है और यह PGI की टीम की काबिलियत पर सवाल नहीं है।
स्कूल संचालक का बड़ा खुलासा
इस बीच, किड्स केयर सीएससी बाल विद्यालय के संचालक रोहित दहिया ने भी पहली बार बयान दिया। उनका कहना है:
- आमतौर पर मनीषा रोज़ाना दोपहर 1:30 बजे स्कूल से निकल जाती थी।
- 11 अगस्त को वह करीब आधे घंटे लेट हुई थी।
- वह अक्सर आइडियल कॉलेज की बस से आती-जाती थी और स्कूल में ज्यादा बात नहीं करती थी।