हरियाणा में गुटखा, पान मसाला और तंबाकू उत्पादों पर एक साल का प्रतिबंध

हरियाणा सरकार ने गुटखा, पान मसाला और तंबाकू उत्पादों पर एक साल के लिए पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार अब इन उत्पादों का निर्माण, भंडारण, वितरण और बिक्री नहीं की जा सकेगी।
सरकार का कहना है कि इन उत्पादों में मौजूद निकोटिन और अन्य हानिकारक रसायन गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं, इसलिए यह फैसला जनहित और लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
स्वास्थ्य को लेकर सरकार सख्त
हरियाणा में हर महीने करीब 2,916 नए कैंसर मरीज सामने आते हैं और सालाना यह संख्या लगभग 35,000 तक पहुंच जाती है। इनमें से हर महीने करीब 1,500 लोगों की मौत कैंसर जैसी घातक बीमारी से हो जाती है।
अध्ययन में पाया गया कि 30 साल से ऊपर की आबादी में हर 1 लाख लोगों की जांच में 102 लोगों में कैंसर के लक्षण पाए जाते हैं। यही कारण है कि राज्य सरकार ने गुटखा और तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का बड़ा फैसला लिया है।
उल्लंघन पर होगी कड़ी कार्रवाई
आदेश के अनुसार, यदि कोई दुकानदार या कंपनी इस प्रतिबंध का उल्लंघन करती पाई गई तो उसके खिलाफ खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 (FSSAI Act 2006) के तहत सख्त कार्रवाई होगी।
- असुरक्षित उत्पाद पाए जाने पर अधिकारी तुरंत जब्ती करेंगे।
- दोषी पाए जाने पर दुकानदार या कंपनी पर 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
- किसी की मौत होने की स्थिति में दोषी को 7 साल से लेकर आजीवन कारावास और कम से कम 10 लाख रुपए का जुर्माना देना होगा।
👉 सरकार का यह कदम स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और लोगों की जान बचाने के लिए उठाया गया बड़ा निर्णय माना जा रहा है।