हरियाणा में जमीन की रजिस्ट्री को लेकर एक बड़ा बदलाव - 1 नवंबर से बदलेगी रजिस्ट्री की प्रक्रिया — घर बैठे होगी पूरी रजिस्ट्री!
हरियाणा में जमीन की रजिस्ट्री को लेकर एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब न तो तहसीलों और उपतहसीलों में लंबी लाइनों में लगना पड़ेगा और न ही घंटों इंतजार करना होगा। 1 नवंबर से राज्यभर में पेपरलेस रजिस्ट्री सिस्टम शुरू किया जा रहा है।
पहले जहां रजिस्ट्री की प्रक्रिया में फाइल चेकिंग से लेकर दस्तावेज़ सत्यापन तक कई चरणों में समय लगता था, वहीं अब नागरिक घर बैठे ही अपने दस्तावेज़ ऑनलाइन अपलोड कर सकेंगे। सभी कागजात वेरिफाई होने के बाद उन्हें केवल एक बार तहसील में जाकर फोटो और हस्ताक्षर करने होंगे। इसके बाद तुरंत रजिस्ट्री पूरी हो जाएगी।
नए सिस्टम से रजिस्ट्री के साथ-साथ इंतकाल की प्रक्रिया भी पारदर्शी और समयबद्ध होगी। पहले इंतकाल के लिए लोगों को पटवारी, कानूनगो और नायब तहसीलदार के कई चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन अब हर स्तर पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
फाइनेंस कमिश्नर आगामी मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए सभी जिलों की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। जिले में हिसार, हांसी, नारनौंद, बरवाला, बास, आदमपुर समेत बालसमंद, उकलाना और खेड़ी जालब जैसी उपतहसीलों में प्रतिदिन 500 से अधिक रजिस्ट्रियां होती हैं।
प्रशासन ने लोगों को सलाह दी है कि अब स्टाम्प पेपर खरीदने की जरूरत नहीं है। जिन्होंने पहले से स्टाम्प पेपर खरीदे हैं, वे 1 नवंबर से पहले अपनी रजिस्ट्री करवा लें, क्योंकि नई व्यवस्था में उसकी आवश्यकता नहीं रहेगी।
अब रजिस्ट्री करवाने के इच्छुक व्यक्ति को बस इतना करना होगा कि वह http://jamabandi.nic.in पर जाकर अपनी जमीन से जुड़े दस्तावेज़ अपलोड करे। तहसीलदार पाँच दिनों के भीतर उनकी जांच करेंगे और कोई कमी होने पर आवेदक को तुरंत सूचित करेंगे। स्टाम्प ड्यूटी की राशि भी इसी पोर्टल पर बताई जाएगी और भुगतान सीधे सरकारी खजाने में ऑनलाइन जमा होगा। इसके बाद नागरिक अपने सुविधा अनुसार टोकन स्लॉट चुन सकेंगे और एक बार फोटो व हस्ताक्षर के बाद प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।