हरियाणा में फर्जी खेल प्रमाण पत्र पर बड़ा एक्शन 76 संदिग्ध सर्टिफिकेट रद्द, आधार और जन्मतिथि अब अनिवार्य

हरियाणा में सरकारी नौकरी पाने के लिए कई लोगों द्वारा फर्जी खेल प्रमाण पत्र बनवाने का मामला सामने आया है। इस पर हरियाणा ओलिंपिक एसोसिएशन ने सख्त कदम उठाते हुए प्रदेश की सभी खेल एसोसिएशनों और जिला खेल अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अब किसी भी खिलाड़ी को खेल प्रमाण पत्र जारी करते समय उसकी जन्मतिथि और आधार कार्ड नंबर दर्ज करना अनिवार्य होगा। साथ ही, खिलाड़ी के माता-पिता का नाम भी प्रमाण पत्र में शामिल किया जाएगा।
मैरिट में आने वाले खिलाड़ियों के प्रमाण पत्र की गहराई से जांच की जाएगी और तभी उनका वितरण किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य फर्जीवाड़े पर लगाम लगाना है ताकि केवल असली खिलाड़ियों को ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।
2018 से 2022 के बीच बने 76 संदिग्ध खेल सर्टिफिकेट
कुछ अधिकारी भी जांच के दायरे में
जांच में सामने आया है कि साल 2018 से 2022 के बीच जारी किए गए 76 खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट संदिग्ध पाए गए हैं। खेल निदेशालय की ग्रेडेशन वैरिफिकेशन कमेटी ने इन्हें फर्जी मानते हुए रद्द करने की सिफारिश की है। हैरानी की बात यह है कि जिन खेल उप निदेशकों को इन सर्टिफिकेटों को रद्द करने का आदेश दिया गया, वही अधिकारी इनके जारी करने में शामिल पाए गए।
अंबाला, रोहतक, गुरुग्राम, हिसार समेत 15 जिलों के खेल अधिकारियों को सूची भेजी गई है। इनमें से 27 खिलाड़ियों के पास ‘ग्रेड-सी’ के और बाकी के पास ‘ग्रेड-डी’ के फर्जी प्रमाण पत्र पाए गए हैं।
खेल नीति में बदलाव और भविष्य की योजना
संशोधित नियमों के तहत बनेगा नया प्रमाण पत्र
हरियाणा सरकार ने खेल कोटे के तहत नौकरियों में पारदर्शिता लाने के लिए कई बदलाव किए हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार ने खेल कोटे में दी जाने वाली नौकरियों को बहाल कर दिया है। अब जिन खिलाड़ियों के प्रमाण पत्र रद्द होंगे, उन्हें 25 मई 2018 को अधिसूचित संशोधित खेल नीति के तहत अपना प्रमाण पत्र बनवाना होगा।
पूर्व सरकारों द्वारा पदक विजेताओं को सीधे नियुक्ति देने की नीति लागू की गई थी, जिसे अब और मजबूत कर खिलाड़ियों के हितों की रक्षा की जा रही है। इस कदम से खेल क्षेत्र में ईमानदारी बढ़ेगी और असली खिलाड़ियों को ही सरकारी लाभ मिल सकेगा।