हरियाणा में प्राइवेट बस विवाद पर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला

हरियाणा में प्राइवेट बस संचालकों और परिवहन विभाग के बीच चल रहे विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए बड़ा आदेश जारी किया है। कोर्ट ने 8 अगस्त को परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेशों पर सवाल उठाते हुए विभाग के प्रधान सचिव, राज्य परिवहन आयुक्त और हिसार, फतेहाबाद व सिरसा के सचिव परिवहन प्राधिकरण को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
याचिका में असंवैधानिक और कानून उल्लंघन का आरोप
यह आदेश डॉ. धन सिंह और अन्य निजी बस संचालकों की याचिका पर दिया गया है। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश न केवल असंवैधानिक हैं बल्कि मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 का भी उल्लंघन करते हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों का हवाला देते हुए आदेशों पर रोक लगाने की मांग की। कोर्ट ने “नोटिस री: स्टे ऐज वेल” का उल्लेख करते हुए कहा कि स्टे पर भी विचार किया जाएगा।
पास जारी करने वाली संस्था जिम्मेदार: डॉ. धन सिंह
डॉ. धन सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार जिस विभाग ने पास जारी किया है, वही इसके भुगतान और सुविधा देने के लिए जिम्मेदार है। ऐसे में रोडवेज पास का उपयोग कर प्राइवेट बसों में सफर करना नियमों के खिलाफ है। कोर्ट की यह कार्रवाई प्राइवेट बस संचालकों के पक्ष में राहत दिलाने की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है।