हरियाणा में सौर ऊर्जा को बढ़ावा: 10 MW सीमा खत्म, 2000 मेगावाट लक्ष्य तय
हरियाणा सरकार सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाने जा रही है। 10 मेगावाट तक के सोलर प्लांटों पर लगी सीमा हटा दी गई है। अब व्यक्तिगत रूफटॉप लगाने की समय सीमा में भी ढील दी गई है। इस बदलाव से बड़े सोलर प्लांट लगाना आसान होगा और सरकार को 2,000 मेगावाट सौर ऊर्जा के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।
सबसे अहम बात यह है कि सरकार 200 करोड़ रुपये का रिवॉल्विंग फंड बना रही है। इसके जरिए लोगों को ब्याज-मुक्त एडवांस और सब्सिडी मिलेगी।
क्यों फोकस है हरियाणा में सौर ऊर्जा पर?
- 300+ धूप वाले दिन – जलवायु और साफ आसमान के कारण हरियाणा सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए बेहतरीन है।
- आर्थिक बचत – सोलर पैनल से बिजली के बिलों में भारी कमी आती है। सरकार भी कई योजनाओं और सब्सिडी के जरिए इसे बढ़ावा दे रही है।
- कृषि में उपयोग – पराली जैसे कृषि अपशिष्ट से बिजली उत्पादन की योजना पर भी काम हो रहा है।
- दो प्रमुख योजनाएं –
- पीएम-कुसुम योजना: किसानों को सोलर पंप पर 75% सब्सिडी।
- प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना: 2026-27 तक 2.2 लाख रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाने का लक्ष्य।
सरकारी भवन भी होंगे सोलर से लैस
राज्य सरकार ने घोषणा की है कि 31 दिसंबर तक सभी सरकारी भवन सौर ऊर्जा से लैस होंगे। अब तक 4,523 सरकारी इमारतों का सर्वे किया गया है, जिनमें 122 मेगावाट की क्षमता पहचानी गई है।
अधिकारियों ने क्या कहा?
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी के अनुसार, हरियाणा सौर ऊर्जा को न सिर्फ बढ़ावा दे रहा है, बल्कि इसे हर घर तक पहुंचाने के लिए भी काम कर रहा है। इसके लिए दोहरी सब्सिडी व्यवस्था की गई है—केंद्रीय वित्तीय सहायता सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खाते में ट्रांसफर होगी।
ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह ने बताया कि अब तक 30,631 रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाए जा चुके हैं और DISCOMs प्रोत्साहन योजनाओं पर काम कर रहे हैं।