हरियाणा में शिक्षकों की ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी में बदलाव की तैयारी, कपल केस के अंकों पर असमंजस

हरियाणा में शिक्षकों की ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी (OTP) को लेकर बदलाव की सुगबुगाहट है। शिक्षा निदेशालय ने एक संशोधित प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) को भेजा है। खास बात यह है कि इस बार कपल (पति-पत्नी) ट्रांसफर केस में मिलने वाले अतिरिक्त अंकों को लेकर स्थिति साफ नहीं है और अंतिम फैसला मुख्यमंत्री की मंजूरी पर निर्भर करेगा।
सूत्रों के अनुसार, शिक्षा विभाग ने मॉडल ट्रांसफर पॉलिसी के प्रारूप में कुछ बिंदुओं पर छूट मांगी है। इसमें कपल केस के अंकों के साथ-साथ सर्विस रूल के तहत शिक्षकों को मिली मेजर (गंभीर) या माइनर (हल्की) पेनल्टी को भी स्कोर में शामिल करने का प्रस्ताव है।
पेनल्टी से अंकों में कटौती
अगर किसी शिक्षक को सेवा अवधि में पेनल्टी मिली है तो उसके अंकों में कटौती होगी, जिससे ट्रांसफर में प्राथमिकता प्रभावित हो सकती है। संशोधित पॉलिसी का उद्देश्य पारदर्शिता और निष्पक्षता को बेहतर बनाना है, ताकि वास्तविक जरूरतमंद शिक्षकों को वरीयता के आधार पर तबादले का लाभ मिल सके। अब सभी की निगाहें मुख्यमंत्री की अंतिम मंजूरी पर हैं, जिसके बाद ही नई ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू हो पाएगी।
कपल केस पर बड़े बदलाव की संभावना
शिक्षा विभाग के प्रस्ताव में कपल केस को लेकर भी बदलाव हो सकता है। जब वर्ष 2016 में यह पॉलिसी पहली बार आई थी, तब कपल केस का लाभ पूरे देश में कार्यरत शिक्षकों को मिलता था। लेकिन 2023 में संशोधन के बाद यह लाभ केवल दिल्ली, चंडीगढ़ और हरियाणा में केंद्र सरकार में कार्यरत कर्मचारियों तक सीमित कर दिया गया।
इसके चलते कई शिक्षकों ने कोर्ट का रुख किया और कोर्ट ने इस मामले पर पुनर्विचार के निर्देश दिए। अब मॉडल ट्रांसफर पॉलिसी में कपल केस को पूरे भारत में लागू करने की सिफारिश की गई है, लेकिन अंतिम निर्णय के लिए मुख्यमंत्री की मंजूरी का इंतजार है।
ट्रांसफर पॉलिसी का इतिहास
शिक्षा विभाग ने 2016 में पहली बार यह पॉलिसी लागू की थी और उसी वर्ष बड़े स्तर पर तबादले हुए। इसके बाद 2017, 2019 और 2022 में तबादले किए गए। हालांकि JBT शिक्षकों के 2016 के बाद से अब तक ट्रांसफर नहीं हुए हैं और वे लंबे समय से इसका इंतजार कर रहे हैं। जबकि पॉलिसी में हर साल ट्रांसफर होने का प्रावधान है।
अब स्कूल स्तर पर भरनी होगी च्वॉइस
पहले शिक्षकों से जोन की च्वॉइस ली जाती थी, बाद में इसे बदलकर ब्लॉक की च्वॉइस कर दिया गया। लेकिन अब ब्लॉक की च्वॉइस भी खत्म करने और सीधे स्कूल स्तर पर च्वॉइस भरवाने का प्रस्ताव है।
साथ ही, जो शिक्षक 15 साल से एक ही ब्लॉक में कार्यरत हैं, उन्हें आगामी ट्रांसफर ड्राइव में भाग लेना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, मॉडल पॉलिसी में यह भी जोड़ा गया है कि जिन शिक्षकों पर मेजर या माइनर पेनल्टी है, उनके अंकों में कटौती की जाएगी।