सिरसा की सियासत में भूचाल ! चरणजीत रोड़ी ने कांग्रेस छोड़ी ! BJP में शामिल होकर बदल दिए चुनावी समीकरण

हरियाणा की राजनीति में मंगलवार को एक बड़ा मोड़ आया, जब सिरसा से पूर्व सांसद चरणजीत सिंह रोड़ी ने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सदस्यता ग्रहण कर ली।
रोड़ी के इस फैसले को आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों के संदर्भ में बेहद अहम माना जा रहा है।
BJP की नीतियों से प्रभावित होकर लिया बड़ा फैसला
दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में रोड़ी ने पार्टी की सदस्यता ली।
इस दौरान उन्होंने कहा:
"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी नेतृत्व की नीतियों से प्रभावित होकर मैंने यह निर्णय लिया है।
हरियाणा के विकास, युवाओं को रोजगार और किसान हितों के लिए बीजेपी की प्रतिबद्धता स्पष्ट है।
मुझे विश्वास है कि इस पार्टी के साथ मिलकर मैं क्षेत्र के लोगों के लिए बेहतर काम कर सकूँगा।"

भाजपा नेताओं का स्वागत, कांग्रेस में निराशा
चरणजीत रोड़ी के बीजेपी में शामिल होने के बाद हरियाणा बीजेपी के नेताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि रोड़ी के अनुभव और लोकप्रियता से पार्टी को सिरसा और आसपास के क्षेत्रों में मजबूती मिलेगी।
वहीं, कांग्रेस खेमे में इस खबर से निराशा और हलचल दोनों है।
कांग्रेस नेताओं का मानना है कि यह पार्टी के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि रोड़ी का सिरसा में मजबूत जनाधार माना जाता है।
2014 में जीती थी सिरसा की लोकसभा सीट
चरणजीत सिंह रोड़ी का राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प रहा है।
साल 2014 में रोड़ी ने इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के टिकट पर सिरसा लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी।
उस समय उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी अशोक तंवर को 1,15,736 वोटों से हराया था।
बाद में वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे, लेकिन अब फिर से उन्होंने BJP का दामन थाम लिया है।
सिरसा और हरियाणा की राजनीति पर बड़ा असर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चरणजीत रोड़ी के इस कदम का असर सिरसा, फतेहाबाद, हिसार और आसपास के जिलों में गहराई से पड़ेगा।
सिरसा क्षेत्र में पहले से ही बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है, लेकिन रोड़ी के शामिल होने के बाद BJP की पकड़ मजबूत हो सकती है।
- सिरसा लोकसभा सीट पर बीजेपी की रणनीति और मजबूत होगी।
- कांग्रेस का वोट बैंक प्रभावित हो सकता है।
- आने वाले विधानसभा चुनाव में नए समीकरण बन सकते हैं।
आगे की राह: बीजेपी को फायदा या चुनौती?
हालांकि चरणजीत रोड़ी के बीजेपी में आने से पार्टी को सिरसा क्षेत्र में मजबूती जरूर मिलेगी,
लेकिन चुनौती यह भी होगी कि क्या बीजेपी रोड़ी के जनाधार को पूरी तरह अपने पक्ष में बदल पाएगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी 2026 के विधानसभा चुनाव में रोड़ी का यह कदम
प्रदेश के कई इलाकों में चुनावी गणित को पूरी तरह बदल सकता है।
चरणजीत सिंह रोड़ी का कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होना केवल एक दल-बदल नहीं,
बल्कि हरियाणा की राजनीति में एक बड़ा मोड़ है।
अब देखना यह होगा कि आने वाले चुनावों में यह फैसला किस पार्टी के लिए फायदेमंद साबित होता है
और सिरसा की जनता इसे किस रूप में देखती है।