सूर्यकुमार यादव ने अपनी मैच फीस दी आर्म्ड फोर्सेस और पहलगाम हमले के पीड़ितों को दान करने का लिया बड़ा फैसला

भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने एशिया कप 2025 की अपनी मैच फीस आर्म्ड फोर्सेस और पहलगाम हमले के पीड़ितों को देने का फैसला किया है। वहीं, पाकिस्तान को फाइनल हराने के बाद प्लेयर ऑफ द मैच भारत के तिलक वर्मा ने कहा, यह जीत देश को समर्पित है। चक दे इंडिया। यह जीवन की बेस्ट पारी रही।
भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज संजू सैमसन ने कहा, मैंने ज्यादा भारत-पाक मैच नहीं खेले, लेकिन आज प्रेशर फील हुआ।
विनिंग बाउंड्री जमाने वाले रिंकू सिंह बोले, मुझे एक ही बॉल मिली, जिस पर मैंने चौका लगाया। टीम के लिए सबसे जरूरी वही था। पाकिस्तान के कप्तान सलमान अली आगा ने कहा, यह हार पचा पाना मुश्किल है, लेकिन गेंदबाजों ने बेहतरीन बॉलिंग की। हमें बैटिंग पर ज्यादा काम करने की जरूरत है।
मेरा फोकस मैच फिनिश करने पर था- तिलक
तिलक ने कहा, 'प्रेशर बनने लगा था, लेकिन मैं पिच पर खड़े रहकर मैच फिनिश करने पर ध्यान दे रहा था। उनके गेंदबाज पेस में वैरिएशन कर रहे थे, मैं बस शांत रहकर देश के लिए मैच फिनिश करने पर फोकस कर रहा था। सैमसन की पारी टीम के लिए अहम थी। दुबे की बैटिंग ने भी काम आसान कर दिया।
हमने हर पोजिशन पर बैटिंग करने के लिए खुद को तैयार रखा है। गौती भाई ने कहा कि किसी भी नंबर पर बैटिंग करने के लिए तैयार रहो। मैं किसी भी नंबर पर बैटिंग के लिए रेडी था, मैं खुद पर भरोसा रख रहा था। मैं धीमी पिच पर प्रैक्टिस कर रहा था, ताकि मुश्किल सिचुएशन में परफॉर्म कर सकूं। स्वीप शॉट्स और सिंगल लेना मेरे काम आया। यह पारी बहुत स्पेशल है, लाइफ की बेस्ट पारी। यह हर भारतीय के लिए है। चक दे इंडिया।'
आप हमेशा मेरे ख्यालों में रहेंगे-सूर्यकुमार यादव
सूर्या ने ट्वीट किया, 'हमारे सशस्त्र बलों और पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ित परिवारों की मदद के लिए अपनी इस टूर्नामेंट की मैच फीस को दान करने का फैसला किया है। आप हमेशा मेरे ख्यालों में रहेंगे। जय हिंद।'
पाकिस्तानी टीम ने भी मैच फीस दान की
पाकिस्तानी कप्तान आगा ने कहा, 'हम (पूरी टीम) अपनी मैच फीस उन सभी नागरिकों और बच्चों को दान करना चाहते हैं जो हाल की भारत के हमलों में मारे गए।'
अभिषेक ने कहा- मैं बस तेज शुरुआत देना चाहता था
प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट अभिषेक शर्मा ने कहा, 'कार मिलना (प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का अवॉर्ड) अच्छी बात है। वर्ल्ड कप जीत के बाद ओपनर बनकर टीम में एंट्री करना मुश्किल था। मेरा प्लान सिंपल था, पहली गेंद से ही इंटेंट दिखाना है। मैंने उस पर बहुत काम किया है। इस तरह खेलने के लिए सपोर्ट स्टाफ, कोच और कप्तान का सपोर्ट जरूरी है, जो मुझे बखूबी मिला।
अगर मेरी पारी से स्कोरिंग रेट बढ़ता है तो टीम को जीत भी मिलनी चाहिए। इस तरह के गेम में हार भी मिलती है और जीत भी। हर तरह की पिच पर मेरे पास प्लान था और हर बार मैंने पावरप्ले में ही ज्यादा से ज्यादा रन बनाने पर ध्यान दिया। स्पिनर्स, मीडियम पेसर्स या तेज गेंदबाज, हर किसी के खिलाफ मैं पहली गेंद पर ही रन बनाने की कोशिश कर रहा था। इस प्लान से टीम हमेशा हावी हुई।'